अंबिकापुर। रकबा सुधार को लेकर सैकड़ों किसानों ने शनिवार को लखनपुर तहसील कार्यालय का घेराव किया और रकबा संशोधन की मांग जोरदार तरीके से उठाई। किसानों का कहना है कि रकबा कम होने के कारण उन्हें धान बेचने में गंभीर परेशानी हो रही है। कई दिनों से किसान हल्का पटवारी और तहसील कार्यालय का लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है।
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो चुकी है, मगर खरीदी के साथ ही बड़ी संख्या में किसान परेशान नजर आ रहे हैं। उनकी परेशानी का मुख्य कारण है—रकबा का कम हो जाना, जिससे पहले की तुलना में किसानों को काफी कम मात्रा में धान बेचने की अनुमति मिल रही है।
किसानों ने बताया कि जहां पहले वे अधिक धान बेचते थे, अब रकबा घट जाने के कारण उनकी सीमा कम कर दी गई है। इससे उनकी आय प्रभावित हो रही है और उन्हें आर्थिक नुकसान की आशंका है। निरंतर दौड़-धूप और शिकायतों के बाद भी हल्का पटवारी कार्यालय में उनकी समस्या का समाधान नहीं होने से नाराज किसानों ने आज तहसील कार्यालय पहुंच कर रकवा सुधार की मांग उठाई।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे 27 तारीख को उग्र आंदोलन करेंगे।
इधर किसानों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार ने रकबा सुधार का आश्वासन दिया है और शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
रवि राजवाड़े, किसान ने कहा रकबा कम कर दिए जाने से हमको धान बेचने में भारी दिक्कत हो रही है। कई दिनों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा। मजबूर होकर हमें प्रदर्शन करना पड़ा है। अगर जल्द रकबा सही नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा।














