संजय रजक जगदलपुर। प्रदेश का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला होते-होते बच गया। बस्तर जिले के नगरनार स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट में फर्जी ईमेल के जरिए 120 करोड़ रुपए की ठगी की कोशिश की गई।
दरअसल, एनएमडीसी प्रबंधन ने ऑस्ट्रेलिया से कोल (कोयला) खरीदने के लिए अमेरिका की एक वेंडर कंपनी को ऑनलाइन 120 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। रकम अमेरिका तक पहुंच भी चुकी थी, लेकिन न्यूयॉर्क स्थित बैंक ने इस लेन-देन को संदिग्ध मानते हुए पेमेंट को रोक दिया।
बैंक अधिकारियों ने वेंडर कंपनी से संपर्क कर इसकी पुष्टि की तो कंपनी ने बताया कि उन्होंने कोई नया ईमेल भेजा ही नहीं है। इसके बाद बैंक ने तुरंत ही भुगतान प्रक्रिया रोक दी और भारत में एसबीआई व एनएमडीसी प्रबंधन को इसकी जानकारी दी।
जांच में सामने आया कि अमेरिका की एक फर्जी कंपनी ने ईमेल भेजकर एनएमडीसी से यह रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवाई थी। समय रहते सतर्कता बरतने से यह बड़ा साइबर फ्रॉड होने से टल गया। फिलहाल, एनएमडीसी का 120 करोड़ रुपए अब भी अमेरिका में फंसा हुआ है।
घटना के बाद एनएमडीसी प्रबंधन ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और पूरा मामला बस्तर पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस ने साइबर सेल की टीम को जांच सौंपी है।
बस्तर एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि “मामले में फर्जी मेल आईडी और सर्वर की जांच कराई जा रही है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ईमेल एड्रेस को हूबहू वेंडर कंपनी के नाम से बनाया गया था, जिससे प्लांट अधिकारी भ्रमित हो गए।
यह पूरा मामला एनएमडीसी जैसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम की साइबर सुरक्षा और पेमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।














