🏛️ रायपुर में कैट प्रतिनिधि मंडल की जीएसटी आयुक्त से मुलाकात
व्यापार को और सहज बनाने हेतु छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने सरकार से दो प्रमुख छूटों की माँग की
रायपुर।
देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधि मंडल ने आज छत्तीसगढ़ शासन के जीएसटी आयुक्त श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा से सौजन्य मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान ई-वे बिल नियमों में आवश्यक एवं व्यावहारिक सुधारों की माँग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी ने किया।
टीम में छ.ग. इकाई के चेयरमैन श्री जितेन्द्र दोशी, अध्यक्ष श्री परमानंद जैन, महामंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल और वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।ई-वे बिल सुधार हेतु रखी गई दो प्रमुख माँगें
श्री अमर पारवानी ने बताया कि ज्ञापन में व्यापारियों और उद्योगपतियों की ओर से ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस की भावना के अनुरूप दो मुख्य माँगें रखी गईं —
1️⃣ एक ही जिले के भीतर माल परिवहन पर ई-वे बिल से पूर्ण छूट दी जाए।
2️⃣ आवश्यक वस्तुओं — जैसे पुस्तकें, नोटबुक, शैक्षणिक सामग्री, ताज़ा फल-सब्ज़ियाँ, डेयरी उत्पाद, खाद्य सामग्री, चिकित्सा उपकरण, कृषि निवेश व उपकरण आदि के परिवहन पर ई-वे बिल से छूट दी जाए।पारवानी बोले — “छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी”
श्री पारवानी ने कहा —
“यदि ये सुधार लागू होते हैं, तो राज्य में व्यापार और अधिक सहज एवं सरल होगा। इससे विशेषकर छोटे और मध्यम व्यापारियों को राहत मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इस कदम से कर अनुपालन और राजस्व संग्रह दोनों सुचारू रहेंगे और यह पहल राज्य सरकार तथा व्यापार समुदाय दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
जीएसटी आयुक्त ने दिया सकारात्मक आश्वासन
जीएसटी आयुक्त श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कैट द्वारा प्रस्तुत पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ा और सकारात्मक विचार एवं सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर संयुक्त आयुक्त नरेंद्र वर्मा, संयुक्त आयुक्त याचना तांब्रे एवं उप आयुक्त टिकम गुनेन्द्र भी उपस्थित थे।प्रतिनिधि मंडल में शामिल प्रमुख सदस्य
मुलाकात में कैट टीम के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे —
अमर पारवानी, सुरेन्द्र सिंह, भरत जैन, प्रीतपाल सिंह बग्गा, सीए मुकेश मोटवानी और भरत भूषण गुप्ता।
सभी ने राज्य स्तरीय व्यापारिक नीतियों में व्यावहारिक सुधार को लेकर चर्चा की और व्यापारी हित में त्वरित कार्यवाही का आग्रह किया।














