छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की लगातार बढ़ती कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। राज्य की महिला नक्सली कमांडर गीता, जिसे कुमली सलाम के नाम से भी जाना जाता है, ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। गीता पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से राज्य के विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल रही हैं।
सुरक्षा बलों के अनुसार, गीता के आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। पुलिस ने बताया कि गीता ने आत्मसमर्पण करते समय सहयोग की पूरी भावना दिखाई और नक्सली गतिविधियों से अलग होने की इच्छा जताई।
विशेषज्ञों का मानना है कि गीता जैसे प्रमुख नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह उन अन्य नक्सलियों के लिए भी संदेश है कि उन्हें कानूनी और सुरक्षित रास्ता अपनाना चाहिए।
इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की सक्रियता और तेज कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गीता के आत्मसमर्पण से नक्सलवाद के खिलाफ अन्य अभियानों को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
- गीता उर्फ कुमली सलाम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
- 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
- यह नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की बढ़ती सफलता को दर्शाता है।
- पुलिस और प्रशासन ने इसे नक्सलियों के लिए संदेश माना।
छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलवाद समाप्त करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही हैं। गीता का आत्मसमर्पण इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।














