अधिवक्ता संघ ने दोषियों की पैरवी न करने का लिया निर्णय
संजय रजक अंबिकापुर। सरगुजा जिले में एक बार फिर पुलिस पर मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। वर्दीधारी पुलिसकर्मियों द्वारा अधिवक्ता की पिटाई किए जाने के मामले में पीड़ित अधिवक्ता ने एसपी के नाम एएसपी को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिसकर्मी व उसके सहयोगियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले को लेकर अधिवक्ताओं में भी आक्रोश देखा जा रहा है, जिसके चलते अधिवक्ता समुदाय ने आरोपित पुलिसकर्मी और उसके भाई समेत अन्य सहयोगियों की किसी भी प्रकार की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है।
अधिवक्ता-बच्चे से विवाद, बात पहुँची हाथापाई तक
पीड़ित अधिवक्ता राजेश तिवारी के अनुसार, 15 नवंबर की रात गाड़ी मोड़ने को लेकर उनके बेटे के साथ वर्दी धारी एक पुलिस कर्मचारी का विवाद हो गया। आरोप है कि विवाद इतना बढ़ा कि पुलिसकर्मी ने मारपीट शुरू कर दी। मामले की जानकारी मिलते ही जब राजेश तिवारी और उनकी पत्नी बीच बचाव करने मौके पर पहुँचे, तो पुलिसकर्मी, उसके भाई और साथ आए सहयोगियों ने उनकी भी पिटाई कर दी। घटना में राजेश तिवारी को पैर में गंभीर चोट आई है।
एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की मांग
घायल अधिवक्ता ने मामले की शिकायत करते हुए एसपी के नाम एएसपी को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान मौजूद अधिवक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता के साथ हुई मारपीट से पूरे अधिवक्ता समुदाय में नाराजगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि घटना में शामिल पुलिसकर्मी, उसके भाई और सहयोगियों की किसी भी अधिवक्ता द्वारा अदालत में पैरवी नहीं की जाएगी।
रक्षक ही भक्षक बनते जा रहे — अधिवक्ता
अधिवक्ताओं का कहना है कि जनता की सुरक्षा करने वाली पुलिस ही यदि लोगों पर अत्याचार करने लगे, तो कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं।














