🛤️ रायगढ़ आरपीएफ की कामयाबी — अपराध दर में कमी
रायगढ़ आरपीएफ की मुस्तैदी से रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा में हुआ बड़ा सुधार
रायगढ़।
रेलवे पुलिस बल (RPF) को आधुनिक तकनीक और बेहतर नेतृत्व का लाभ अब मैदान में दिखाई देने लगा है।
साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, रायगढ़ आरपीएफ की क्राइम डिटेक्शन रेट (अपराध सुलझाने की दर) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
आरपीएफ अब जीआरपी (Government Railway Police) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
इस सुधार के पीछे मुख्य भूमिका आरपीएफ प्रभारी ओसी कुलदीप कुमार की बताई जा रही है, जिनके नेतृत्व में कई गंभीर मामलों का सफल खुलासा हुआ है।
कुलदीप कुमार की नेतृत्व शैली से बढ़ी टीम की ऊर्जा
प्रभारी ओसी कुलदीप कुमार के प्रभार लेने के बाद मात्र एक वर्ष में रेलवे से जुड़े अपराधों में सफल जांच दर में वृद्धि दर्ज की गई है।
टिकट दलालों पर लगातार कार्रवाई से उनकी कमर टूट चुकी है।
कुलदीप कुमार की निगरानी में प्लेटफार्म सुरक्षा, यात्री संपत्ति की सुरक्षा और ट्रेन सुरक्षा में व्यापक सुधार हुआ है।
ब्रूनो डॉग स्क्वाड और CCTV मॉनिटरिंग से बढ़ी सटीकता
रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम स्निफर डॉग ब्रूनो के साथ विस्फोटक और संदिग्ध वस्तुओं की नियमित सर्चिंग कर रही है।
इसके साथ ही, स्टेशनों और ट्रेनों में लगे आधुनिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी व्यवस्था मजबूत हुई है।
अब रेल के माध्यम से होने वाली मादक पदार्थ तस्करी पर लगभग पूर्ण विराम लग गया है।
कोयला चोरी, टिकट दलाली और तस्करी पर सख्त कार्रवाई
कुलदीप कुमार के कार्यकाल में वैगन से कोयला चोरी, टिकट ब्लैकिंग, प्रतिबंधित वस्तुओं की ढुलाई, और स्टेशन पर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगी है।
इस सशक्त पुलिसिंग से यात्रियों में रेलवे सुरक्षा पर भरोसा बढ़ा है।
चोरी के मामलों में आधुनिक तकनीक का उपयोग
यात्री सामान चोरी जैसे जटिल मामलों में भी आरपीएफ ने अब तेज़ और सटीक कार्रवाई शुरू की है।
ओसी कुलदीप कुमार ने बताया कि—
“ऐसे केस सुलझाना चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि कई बार यात्री को ट्रेन के गंतव्य पर पहुंचने के बाद ही चोरी का पता चलता है। पर अब हमारी टीम आधुनिक फेस डिटेक्शन तकनीक वाले सीसीटीवी और डिजिटल क्राइम डेटा सिस्टम से अपराधियों को ट्रैक कर रही है।”
उन्होंने बताया कि अपराधियों का डिजिटल डेटा बैंक तैयार किया गया है जिसे अन्य राज्य पुलिस एजेंसियों और जीआरपी के साथ साझा किया जाता है।
यदि कोई अपराधी स्टेशन या ट्रेन में कैमरे की जद में आता है, तो ऑटो अलर्ट सिस्टम से आरपीएफ को सूचना मिलती है।
विभागीय सहयोग से और बेहतर होगी तफ्तीश
ओसी कुमार ने कहा कि—
“चोरी या पाकिटमारी जैसे मामलों में राज्य पुलिस और जीआरपी का त्वरित सहयोग मिलना जरूरी है। इन मामलों में अंतरराज्यीय समन्वय से और तेजी आएगी।”
उनके अनुसार, इस समन्वय से यात्रियों की संपत्ति की सुरक्षा और रेल सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी।
रेल मंत्रालय ने भी की प्रशंसा
रेलवे सुरक्षा में इस उत्कृष्ट कार्य के लिए रेल मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों ने रायगढ़ आरपीएफ की कई बार निरीक्षण के दौरान प्रशंसा की है।
कुलदीप कुमार की प्रतिबद्धता से पूरे विभाग में नई ऊर्जा और प्रोफेशनलिज़्म की भावना आई है।














