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अमेरिकी छात्र कॉलेज फीस और कर्ज के बोझ से परेशान

अमेरिका में बढ़ता आर्थिक संकट: 53% हाई स्कूल छात्रों ने वित्तीय बोझ और कर्ज के कारण कॉलेज जाने से किया इंकार

वॉशिंगटन, 22 अक्टूबर 2025 | शिक्षा समाचार

अमेरिका में शिक्षा का खर्च अब युवाओं के सपनों पर भारी पड़ रहा है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 53% अमेरिकी हाई स्कूल छात्रों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कॉलेज या उच्च शिक्षा में प्रवेश न लेने का फैसला वित्तीय दबाव और कर्ज के डर के कारण किया है।

यह आंकड़ा Ellucian Student Voice Report 2025 से सामने आया है, जिसमें पूरे देश के 1,500 से अधिक छात्रों से उनकी उच्च शिक्षा योजनाओं को लेकर राय ली गई थी।

बढ़ती फीस बनी छात्रों के लिए सबसे बड़ी बाधा

रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज ट्यूशन फीस, हॉस्टल खर्च, और भविष्य के कर्ज की चिंता छात्रों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है।
सर्वे में शामिल 53% छात्रों ने कहा कि कॉलेज की भारी लागत और लोन के ब्याज का बोझ उनके लिए असहनीय है।

वहीं, 56% छात्रों ने बताया कि अगर कॉलेज फीस कम होती, तो वे आगे की पढ़ाई जरूर जारी रखते।
कई छात्र अब पारंपरिक चार-साल की डिग्री के बजाय ऑनलाइन कोर्स, व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational Training) और प्रमाणन कोर्स (Certifications) जैसे कम-खर्चीले विकल्पों को चुन रहे हैं।

सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष

  • 🎓 53% छात्रों ने कहा — “कर्ज और खर्च के कारण कॉलेज नहीं जाएंगे।”
  • 💰 अमेरिका में एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय की औसत वार्षिक फीस लगभग $29,000 (₹24 लाख) तक पहुंच चुकी है।
  • 🧾 अमेरिका में कुल छात्र कर्ज अब $1.6 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गया है।
  • 💼 कई छात्र अब कॉलेज की जगह फ्रीलांसिंग, सर्टिफिकेट कोर्स और स्किल ट्रेनिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कॉलेज की लागत इसी तरह बढ़ती रही, तो उच्च शिक्षा तक पहुंच केवल अमीर वर्ग तक सीमित रह जाएगी।
नीति-निर्माताओं को अब सस्ती शिक्षा, लचीले लोन विकल्प और अधिक छात्रवृत्तियों (Scholarships) पर ध्यान देना जरूरी है।

निष्कर्ष

अमेरिका में युवाओं के लिए कॉलेज का सपना अब पहले जितना आसान नहीं रहा।
वित्तीय बोझ, बढ़ती फीस और ऋण के डर ने आधे से ज्यादा छात्रों को कॉलेज छोड़ने या विकल्प चुनने पर मजबूर कर दिया है।
अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो भविष्य में देश को कुशल पेशेवरों की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है।

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