रूस-यूक्रेन संघर्ष और यूरोपीय नेताओं की भूमिका
यूरोपीय नेताओं ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के समाधान के लिए मध्यस्थता की अपील की है। उनका कहना है कि युद्ध रेखा को वार्ता की ‘प्रारंभिक बिंदु’ के रूप में लिया जाना चाहिए ताकि शांति स्थापित हो सके और हताहतों की संख्या कम हो।
युद्ध का वर्तमान परिदृश्य
विशेषज्ञों के अनुसार, यह संघर्ष पिछले दो वर्षों से क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच लगातार सैन्य संघर्ष ने न केवल स्थानीय नागरिकों को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और ऊर्जा आपूर्ति पर भी असर डाला है।
यूरोपीय संघ की मध्यस्थता
यूरोपीय संघ (EU) ने दोनों पक्षों को वार्ता की मेज पर लाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह पहल संघर्ष को रोकने और स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
“हम सभी पक्षों के साथ मिलकर समाधान खोजने के लिए तैयार हैं,” यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने कहा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन भी संघर्ष की तीव्रता को कम करने और तत्काल वार्ता शुरू करने का समर्थन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रयास सफल होता है, तो यह वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत होगा।
भारत और अन्य देशों की चिंता
भारत सहित कई एशियाई और यूरोपीय देश संघर्ष को रोकने और मानवीय संकट से निपटने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। वैश्विक विशेषज्ञ मानते हैं कि मध्यस्थता सफल हुई तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मिसाल बनेगी।


















